भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
वाल्मीकि जयंती पर / मुकेश मानस
Kavita Kosh से
Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:24, 18 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> कहते हैं कि वाल्म…)
कहते हैं कि वाल्मीकि
एक खूंखार लुटेरा था
नारद ने उसे ज्ञान दिया
वह महाॠषि हो गया
पर वाल्मीकि लुटेरा क्यों था?
जंगल में रहता क्यों था?
श्रेष्ठियों को लूटता क्यों था?
कहते हैं कि वाल्मीकि
एक अदना सा ब्राह्मण था
उसने राम कथा गाई
और महाकवि हो गया
पर क्यों लिखी उसने
शंबूक वध कथा
हर बार वाल्मीकि जयंती पर
मैं यही सोचता हूँ
कि क्या है वाल्मीकि का असली चेहरा
उस पर क्यों लगा है
इस जंजाल का पहरा
1989