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साधारण इंसान/ शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
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मुझको नहीं बनाना दानव और न ही भगवान
मुझे बने रहने दो केवल साधारण इंसान। दुनियाँ वालो अरे जग वालो
पाऊँ कला कुछ तुम खजूर पर इतना नहीं चढ़ाना भूल जाऊँ अपनी ज़मीन और सीख जाऊँ इतराना इतनी नहीं प्रशंसा करना आ जाए अभिमान मुझे बने रहने दो केवल साधारण इंसान। दुनियाँ वालो अरे जग वालो
पा जाऊँ कुछ ज्ञान नहीं पूजा की भंग पिलाना खुद को खुदा समझने के दुष्भ्रम से मुझे बचाना माला ले पीछे मत पड़ना मत करना सम्मान मुझे बने रहने दो केवल साधारण इंसान। दुनियाँ वालो अरे जग वालो
अच्छा लगूँ तो कुछ मत करना अच्छाई ले लेना बुरा लगूँ तो अपनेपन से मुझे माफ़ कर देना इतनी भी नफ़रत मत करना बन जाऊँ हैवान मुझे बने रहने दो केवल साधारण इंसान। दुनियाँ वालो अरे जग वालो
जो भी हूँ जैसा भी हूँ तुम दर्पण-सा दिखलाना समझ सकूँ जिस तरह प्यार से कुछ ऐसे समझाना जैसी की तैसी चादर रख जाऊँ हे भगवान! मुझे बने रहने दो केवल साधारण इंसान। दुनियाँ वालो अरे जग वालो