Last modified on 20 जुलाई 2010, at 20:06

हम : एक शब्द / हरीश भादानी

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:06, 20 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरीश भादानी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> हम-एक शब्द जिसके …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हम-एक शब्द
जिसके सामने लिखा हो-
व्यंग का तीखा विशेषण-तुम !
इस अधूरे वाक्य को समझने
मन लगाया
आँखें गड़ाकर पढ़ा
फटती पोरों से
अनेक पृष्ठ पल्टे
पीले पड़े कोष के;
फीके पड़े अक्षर
दूसरा ही अर्थ देने लगे,
टीका क्या करें ?
क्यों न इस अधूरे वाक्य को
यहीं पर छोड़ दें ?