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सूरज का फ़व्वारा-3 / इदरीस मौहम्मद तैयब

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सूरज के पास एक दिल है
और एक सीना है, जहाँ वह
अपने सोते बच्चों को छुपा सकता है
और मैं अपनी प्रेमिका का हाथ थामे
समुद्र किनारे टहलता हूँ
लहरें ख़ुशी में उमड़ती हैं
और हमारे क़दमों को
एक बिछड़े हुए दोस्त की तरह छूती हैं
वह उत्तेजित होकर क़हक़हा लगाती है
और भागने लगती है
मैं समुद्री रेत पर उसके पीछे भागता हूँ
मैं उसके बालों में सूरजमुखी का
फूल टाँकता हूँ ।
समुद्र नाराज़ हो उठता है
और एक बचकानी डाह से
लहरों के रेत के चेहरे पर
मारता है ठोकर
हम उसकी ओर मुड़ते हैं
और उसे हँसाने के लिए
फुसफुसाते हैं उसके कानों में ।

रचनाकाल : 26 जनवरी 1979