Last modified on 28 जुलाई 2010, at 00:59

मुश्किल यह है / भारत भूषण अग्रवाल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:59, 28 जुलाई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भारत भूषण अग्रवाल |संग्रह=उतना वह सूरज है / भारत …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुश्किल यह है कि मैं
ज़िंदगी को एक इमारत की तरह गढ़ना चाहता था
एक नक्शे के अनुसार
और क्योंकि नक्शा
हर कलैण्डर के साथ बदलता गया
इसलिए हर बार अधबनी इमारत में
तोड़फोड़ करनी पड़ी