देख-देख रोज नए जांच आयोग।
शायद कुछ दिन बहल जाएंगे लोग।
पहले से ही बेहद पीटे हुए हैं,
चीख़ मत यहां, दहल जाएंगे लोग।
हर वक़्त आग की बतें मत कर तू,
मोम के बने, पिघल जाएंगे लोग।
खुशियों के खिलौने लाओ तो सही,
इन्हें देख खुद बहल जाएंगे लोग।
तिनके पहचान रहे अपनी ताक़त,
आज नहीं कल क़हर ढाएंगे लोग।