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क्नॉट प्लेस में तुम और मैं / जय छांछा

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क्नॉट प्लेस में तुम और मैं
पीपल की छाँव के नीचे
लताओं की शीतलता में
क्नॉट प्लेस की व्यस्त सड़क पर

अभी गर्मी ने पंख फैलाने शुरू ही किए हैं
इस रंगीन समय में
तुम और मैं चल रहे हैं
एक आनंद का क्षण
भोग रहा हूँ, ऐसा लगे मुझे ।
 
बसें
ऑटो
मोटरसाइकिलें
चलायमान गति और
मेरे ह्रदय की धड़कनें
अबूझ ताल में
उन जैसे ही चल रही हैं सुखद एहसास लिए
पता नहीं क्यों, तरंगित हो रहा हूँ मैं अभी
क्नॉट प्लेस में
तुम और मैं जब चले जा रहे हैं ।
 
क्नॉट प्लेस के फुटपाथ पर
कपड़े और अन्य सामान बेचने वालों
और ख़रीदने वालों की जमात है
गर्मा-गरम आलू की टिक्कियाँ और वेजिटेबल पैटीज
बेचने वालों की है भीड़
पर्स, मोजा और रूमाल
भिड़ाने वालों की लाइन लगी है

भीड के बीच में होकर भी
क्नॉट प्लेस में चलते हुए
कल्पना के किसी सुदूर संसार में चलने जैसा
लग रहा है मुझे इस समय
तुम्हारे साथ चलते हुए भी।
 
दो किनारों के बीच में बहने वाली
एक नदी जैसे
दुकानों और भीड़ के बीचोंबीच होकर भी
चुपचाप चल रहे हैं मैं और तुम
न कोई कुछ पूछता है हमें
फिर भी अपरिचित चेहरों की भीड़ के साथ
कभी कंधे जोड़ के
कभी पैरों को टकराते
इस तरह चलते-चलते
कहाँ ? पहुँचेंगे हाँ, हम
फिर भी हमारी यात्रा जारी है
अभी और कितना बाकी होगा हाँ! चलना?

मूल नेपाली से अनुवाद : अर्जुन निराला