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घबराहट / अजित कुमार

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घोंघा जब एक रोज़
शंख में से निकला,
बाहर इतनी बड़ी दुनिया मिली
-हवा, सूरज, शोर-
घबराकर वह
तुरंत
अपने खोल में दुबक गया ।