भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

विश्वास / विजय बहादुर सिंह

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:58, 3 अगस्त 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विजय बहादुर सिंह |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <Poem> विश्वास एक…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

विश्वास
एक ऐसी खूँटी है
जिस पर टँगे हैं सबके कपड़े
उसके भी
जो विश्वासघाती है ।