भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नरेन्द्र शर्मा
Kavita Kosh से
208.102.250.216 (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 19:07, 24 जून 2008 का अवतरण
नरेन्द्र शर्मा की रचनाएँ
नरेन्द्र शर्मा
जन्म | 1913 |
---|---|
निधन | 1989 |
उपनाम | |
जन्म स्थान | जहाँगीरपुर, जिला खुर्जा, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
शूल-फूल (1934), कर्ण-फूल (1936), प्रभात-फेरी (1938), प्रवासी के गीत (1939), कामिनी (1943), मिट्टी और फूल (1943), पलाश-वन (1943), हंस माला (1946), रक्तचंदन (1949), अग्निशस्य (1950), कदली-वन (1953), द्रौपदी (1960), प्यासा-निर्झर (1964), उत्तर जय (1965), बहुत रात गये (1967), सुवर्णा (1971), सुवीरा (1973) | |
विविध | |
पंडित नरेन्द्र शर्मा ने हिन्दी-फ़िल्मों के लिये बहुत से गीत लिखे। उनके 17 कविता संग्रह, एक कहानी संग्रह, एक जीवनी और अनेक रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। इसके अलावा उस समय की प्रमुख साहित्यिक पत्रिकाओं 'सरस्वती'में 1932 में और 'चांद' में 1933 मेँ इनकी प्रारम्भिक रचनाएँ और स्फुट कविताएँ व समीक्षा इत्यादि छपती रही हैं। | |
जीवन परिचय | |
नरेन्द्र शर्मा / परिचय |
- ज्योति कलश छलके / नरेन्द्र शर्मा
- प्रयाग / नरेन्द्र शर्मा
- आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे / नरेन्द्र शर्मा
- तुम भी बोलो, क्या दूँ रानी / नरेन्द्र शर्मा
- तुम रत्न-दीप की रूप-शिखा / नरेन्द्र शर्मा
- हंस माला चल / नरेन्द्र शर्मा
- हर लिया क्यों शैशव नादान / नरेन्द्र शर्मा
- नींद उचट जाती है / नरेन्द्र शर्मा
- चलो हम दोनों चलें वहां / नरेन्द्र शर्मा
- नैना दीवाने एक नहीं माने / नरेन्द्र शर्मा
- मेरे गीत बडे हरियाले / नरेन्द्र शर्मा
- ऐसे हैं सुख सपन हमारे/ नरेन्द्र शर्मा
- ज्योति पर्व : ज्योति वंदना / नरेन्द्र शर्मा
- लौ लगाती गीत गाती,/ नरेन्द्र शर्मा
- फटा ट्वीड का नया कोट / नरेन्द्र शर्मा
- मधु के दिन मेरे गए बीत / नरेन्द्र शर्मा
- सुख-सुहाग की दिव्य-ज्योति से / नरेन्द्र शर्मा
- गँगा, बहती हो क्यूँ / नरेन्द्र शर्मा
- माया / नरेन्द्र शर्मा
- वर्षा मँगल /नरेन्द्र शर्मा
सत रंग चुनर नव रंग राग मधुर मिलन त्यौहार गगन में , मेघ सजल , बिजली में आग ............. सत रंग चुनर , नव रंग पाग ! पावस ऋतू नारी , नर सावन , रस रिम झिम , संगीत सुहावन , सारस के जोड़े , सरवर में , सुनते रहते , बादल राग ! सत रंग चुनर , नव रंग राग ! उपवन उपवन , कान्त - कामिनी , गगन गुंजाये , मेघ दामिनी , पत्ती पत्ती पर हरियाली , फूल फूल पर , प्रेम - पराग ! सत रंग चुनर , नव रंग राग ..... पवन चलाये , बाण , बूँद के , सहती धरती , आँख मूँद के - बेलों से अठखेली करते , मोर ~ मुकुट , पहने , बन ~ बाग़ ! सत रंग चुनर नव रंग पाग !