भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्यारी सासु हमारी / शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
Kavita Kosh से
Shubham katare (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:57, 19 अगस्त 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: प्यारी प्यारी सासु हमारी प्रियतम की महतारी ।।प्यारी,,,,,,,, प्राणन…)
प्यारी प्यारी सासु हमारी प्रियतम की महतारी ।।प्यारी,,,,,,,,
प्राणनाथ के पिता ससुर जी उनकी भी घरवारी सम्प्रभुता सम्पन्न स्वगृह की अनुविभाग अधिकारी।।प्यारी,,,,,,,,
बड़बोली मन की अति भोली अनुभव की भण्डारी सद् गृहस्थ जीवन जीने की सिखा देत विधि सारी।।प्यारी,,,,,,,,
कुल परम्परा रीति नीति सब की सांस्कृतिक प्रभारी धन सम्पदा मान मर्यादा सब घर की रखवारी।।प्यारी,,,,,,,,
सद् गुण देख प्रशंसा करती कबहुँ अशीषे भारी कबहुँ कबहुँ कुनेन सी कड़वी देती बहु विधि गारी ।।प्यारी,,,,,,,,
रखती ध्यान अहर्निश माँ सम सखियाँ सम हितकारी गुरु समान सब ज्ञान सिखाती सासू की गति न्यारी।।प्यारी,,,,,,,,