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मौसम / सौमित्र सक्सेना

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चिड़िया, गाड़ी, करधनी
वहाँ छोड़ आया हूँ तुमको
यादों के तुतलाने की आवाज़ जहाँ
आँगन के खटोले पर दादी की बगल में
दुबक कर
सो गई है ।