रचनाकार=सर्वत एम जमाल संग्रह= }} साँचा:KKCatGazal
फिर कहा उस ने, वजू करना
मैं ने पूछा तुम को छू कर ना !
दिल तो इक नन्ही सी थैली है
इस में इतनी आरजू करना !
सख्त मुश्किल था, किया हम ने
ख़ुद को यूँ बेआबरू करना
चीज़ें ऊंचे दाम बिकती हैं
सोचना, फिर जुस्तजू करना करना
इन दिनों खामोश रहता हूँ
आ गया है गुफ्तगू करना
सारी बातें पीठ के पीछे