बीच हमारे कुछ दूरी है ।
शायद उसकी मजबूरी है ।
संवादों से लगे पराया
दिल ही दिल में मंज़ूरी है ।
मन बहकाए, तन बहकाए
गंध प्यार की कस्तूरी है ।
जब-जब बरसी प्यार की 'वर्षा'
भीगी ये दुनिया पूरी है ।