Last modified on 23 सितम्बर 2010, at 19:48

दर्द की महफ़िल सजाना चाहती हूँ / अल्पना नारायण

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:48, 23 सितम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अल्पना नारायण |संग्रह= }} {{KKCatGhazal‎}}‎ <Poem> दर्द की महफ…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दर्द की महफ़िल सजाना चाहती हूँ
साज़ छेड़ो, गुनगुनाना चाहती हूँ

यूँ ही रस्मन पूछ बैठी हाल-चाल
वो ये समझा दिल दुखाना चाहती हूँ

उम्र भर का साथ तो मुमकिन नहीं है
साथ पल दो पल बिताना चाहती हूँ

युद्ध में जब हो गया बेटा 'शहीद'
माँ पे क्या गुज़री बताना चाहती हूँ

आग नफ़रत की बुझाने के लिए मैं
प्रेम की गंगा बहाना चाहती हूँ