भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
त्रिशूल की चोटी के बगल / केशव तिवारी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:15, 26 सितम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केशव तिवारी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> त्रिशूल की चोटी …)
त्रिशूल की चोटी के बगल
श्याम पेट के आकार पर
सुबह लिख रही है कुछ
कभी गंगोत्री हाट के
चोड़ियार गाँव से भी
खड़े होकर पढ़ो हिमालय