Last modified on 27 सितम्बर 2010, at 21:23

सड़क-पांच / ओम पुरोहित ‘कागद’

Ankita (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:23, 27 सितम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |संग्रह=आदमी नहीं है / ओम पुरो…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सड़क पर चलते
ट्रक पर लद कर
बूचड़खाने जाता
बूढ़ा बैल
ऊपर से शांत है
मगर
भीतर से
मौन नहीं है
वो
ताकत है सब को
मगर
पूछता है खुद से
क्या यही है वह सड़क
जिस के लिए
मैंने कंकर ढोए थे
और
क्या यही है वह ट्रक
जिसे गया है
मेरे ही पसीने से
और उम्र के बल?
यदि हां
तो बताओ आसमान
क्या यही है
श्रममेव जयते?