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खरपतवार / लीलाधर मंडलोई

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मेरा कोई खेत नहीं
मैं दोस्‍तों के खेतों में
करता था काम
जैसे मां

फसल आने पर
मैं खेत से बाहर था

जैसे खरपतवार