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ब्रह्माण्ड / मक्सीम तांक
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पृथ्वी टिकी है तीन हाथियों पर
हाथी- विशालकाय कछुओं पर
कछुए- फ़ाख़्ता पर
फ़ाख़्ता- गेहूँ की बाली पर
बाली- बच्चे के पालने पर
पालना- माँ की लोरि पर
जब तक गूँजती रहेगी लोरी
झूलता रहेगा पालना
फूटता रहेगा बीज
घोंसला बनाती रहेगी फ़ाख़्ता
आकाशगंगा से गुज़रता रहेगा कछुआ
क़दम से क़दम मिलाते बढ़ते रहेंगे हाथी
सदा-सदा रहेगी धरती
हरी-भरी, हरी-भरी ।
रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह