भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

साँचा:KKEkMoti

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:42, 26 अगस्त 2008 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 एक काव्य मोती
Pearl.jpg

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है,
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है।
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है,
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है॥
कविता कोश में कुमार विश्वास