भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फरक!/ कन्हैया लाल सेठिया

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:12, 16 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=लीलटांस / कन्हैया ल…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज



मजल पर पूग्यां पैली ही

टूटगी काची लैर चनेक अणमणी हू‘र

मींडकी छळांग ली

सपकै‘र पकड़ली

नुंई लैर री आंगळी

देख‘ आई जी में

जे पग थाम ले जिनगानी

तो कांई फरक

मौत में‘र बीं में !