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तवे पर रोटी / अनिरुद्ध नीरव

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तवे पर छोटी
होने वाली है रोटी

तौल के
हल्के हो जाएँगे पैमाने
बड़े होकर आएँगे
     गेहूँ के दाने

पसीना जाया होगा
ज्यों नल की टोंटी

और शायद
कुछ घट जाए
     रूपए का व्यास
कहीं
गीले आटे में
     ठनकेगा उपवास
कहीं हो जाएगी
चरबी की तह मोटी

लकड़बग्घे का
कोई
     गोश्त न खा पाए
न बाघों की
कुरबानी
     जायज ठहराए

कोई बकरा ही तो
होगा बोटी-बोटी ।