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आसाढ / सांवर दइया
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खीरा उछालतो आयो असाढ !
लूवां री गांठड़ी लायो असाढ !
धोरां-धोरां बादळियां लारै,
भटकतो फिरै तिरसायो असाढ !
ताम्बै वरणी हुयगी चामड़ी,
बस पसेवो ई कमायो असाढ !
सांय-सांय, सांय-सांय, सांय-सांय,
सड़कां माथै तरणायो असाढ !
रमता दीसै कोनी टाबरिया,
गळी-गळी फूंफायो असाढ !