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जद हरी करै / सांवर दइया
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बूढै बैसाख
अर
बाळणजोगै जेठ री बाथा में
बळी-तपी
हरी हूवण री हूंस दाब्यां
सूती धरती
अंग-अंग भीजै
बा रीझै
मुळकै-गावै
जद हरी करै सावण !