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वृक्ष / संतोष मायामोहन
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वृक्ष सौंपता है पत्ते
सृजित होते हैं-
नव पल्लव ।
मैं सौंपती हूं देह
पाती हूं नवीन देह-धर !
अनुवाद : नीरज दइया