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छोरी: चार / मदन गोपाल लढ़ा

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बगत माड़ो है
इण कारण
मना है
छोरी नै
घर सूं बारै निकळगो
पण छोरी
चौभींते रै मांयनै ई
आपरै मन रै आभै
उड‘र
घूम लैवे
आखी दुनियां।