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तीन बाई तीन फुट री जगां / रामस्वरूप किसान
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लखदाद है थनै
तीन बाई तीन फुट री जगां !
कै बाकी जगां नै
साफ-सुथरी राखण सारू
खुदवाली खुद री छाती पर
चाळीस फुट ऊंडी कुई
अर परोटै
आखै मानखै रौ मल
कण देखी है थारी घुटन
कण देख्यो है थारो
भीतर ई भीतर उलाकणौं
कण देख्या है
थारी काया में जळबळांवता कीड़ा
कण देख्यो है
थारौ औरां सारू
इण भांत हौळे-हौळे
मर ज्यावणौं
ए सिरदारू जगां
म्हैं थनै
मींदर सूं बेसी निवण करूं
क्यूंकै
थारी कुरबानी पर ही
मींदर महकै।