Last modified on 7 दिसम्बर 2010, at 21:51

पावन करो नयन ! / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:51, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" |संग्रह=गीतिका / सूर…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रश्मि, नभ-नील-पर,
सतत शत रूप धर,
विश्व-छवि में उतर,
लघु-कर करो चयन !

प्रतनु, शरदिन्दु-वर,
पद्म-जल-बिन्दु पर,
स्वप्न-जागृति सुघर,
दुख-निशि करो शयन !