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अंधकार / अर्जुन ‘शाद’
Kavita Kosh से
अंधकारु
इनसान सां
हमेश साणु आहे
गर्भ में अंधकार
ऐं मौत खां पोइ भी अंधकार
ज़िन्दगीअ में बि
अंधकर ई साणु आहे
पर उते
इन्सान
नकली सूरजु खणी
अंधकार खे मिटाइण जी फ़िजूल कोशिश थो करे!