क्यां तांई बण्यो सबद
	-क्यां तांई स्रिस्टी
सोचूं जणै मन मांय गमी हूज्यै
म्हारी आंख्यां मांय नमी हूज्यै
अेक टोपो बिरम रो
रची
		-आ गिरस्थी
जकै मांय चौरासी कुरळावै है
फगत सबद ई तोड़ै
		-आ गिरफ्ती!
क्यां तांई बण्यो सबद
	-क्यां तांई स्रिस्टी
सोचूं जणै मन मांय गमी हूज्यै
म्हारी आंख्यां मांय नमी हूज्यै
अेक टोपो बिरम रो
रची
		-आ गिरस्थी
जकै मांय चौरासी कुरळावै है
फगत सबद ई तोड़ै
		-आ गिरफ्ती!