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अणूतो दिखावो / हरीश बी० शर्मा

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परदेसी तो कोनीं
जिका अणजाणं हां
देस सूं
देस री दसा सूं
फेर भी
सिरणा चालै
सगळै सरीर में म्हारै
जद ठौड़-ठौड़ कैवतां फिरां हां
का सुणां हां -
म्हारो भारत महान !
न्यूतां देवां हां
पीळा चावळ देवण सूं पैली
चोको मंडावा हां
आंगण पुरावां हां
कै पधारो म्हारै देस।