अनुवादक / 1 / अशोक कुमार
वह एक अनुवादक है बस
वह कई भाषाओं कानुवाद करता है
अपनी भाषा में
अपने लोगों के लिये
वह कठिन शब्दों के कई अर्थ तौलता है मन में
वह कठिन शब्दों में भाव ढूँढता है
वह अपनी भाषा के लोगों की भावनाओं के साथ
खेलना नहीं चाहता
वह कोई छल नहीं करना चाहता अनुवाद में
वह नहीं चाहता कोई अर्थ बेतुका कूद जाये
किसी पंक्ति में बेवजह
वह खुशहाली के सपनों का जब अनुवाद करता है
अपनी भाषा में
तो चाहता है उसकी बोली के लोग पेड़ की फुनगी पर चढ जायें
या फिर सातवें आसमान पर
जब वे पढें उसका किया गया अनुवाद
अपनी भाषा में
वह व्यथा की कथाओं का जब करता है अनुवाद
एक गैर भाषा से अपनी भाषा में
तो चौकन्ना हो जाता है कुछ ज़्यादा ही
उसे डर सताता है उस वक्त
कहीं व्यथा को व्यक्त करता एक शब्द
उन अनगिन लोगों के साथ धोखा न कर जाये
जो व्यथा के गीत गाते वक्त
उसे ह्रृदय में महसूस करते हैं
और आँखों में छलकाते हैं।