हमारे पीठ पीछे आ चुका है चंद्रमा
एक-दूसरे पर झुके
हम दो देवदारों के मध्य
चढते चंद्रमा के साथ
हमारा प्यार
हमारे आदिम एकांत में वास कर रहा है
अब छायाएं हैं हम
लिपटे एक-दूसरे से
शून्य को चूमती
छायाएं केवल।
हमारे पीठ पीछे आ चुका है चंद्रमा
एक-दूसरे पर झुके
हम दो देवदारों के मध्य
चढते चंद्रमा के साथ
हमारा प्यार
हमारे आदिम एकांत में वास कर रहा है
अब छायाएं हैं हम
लिपटे एक-दूसरे से
शून्य को चूमती
छायाएं केवल।