भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अभियान / इंदिरा व्यास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लोकतंतर में
अभियानां री रेलमपेल
अभियान जाणैं अभियान नीं
है फगत टाबरां रो खेल
पैली कचरो-कादो
खुद खिंडावै / पछै झाडू चलावै
फोटू खिंचावै
अर बै जावै-बै जावै
फोटू रै बाद
अखबारां में फोटू भेळी
खबरां आवै
पण नेता पाछो नीं आवै।

कोई तो आओ
एक ऐड़ो अभियान चलाओ
जिण में हुवै साफ
मन री मैल
मूघीवाड़ो अर वैरभाव
भिस्टवाड़ो अर काळो धन
नेतावां रै इण अभियान री फोटू
अखबारां में नीं
लोगां रै मन में छपै
जिकी स्यात कदै ई नीं मिटै।