अभी मैं जा नहीं सकता / मनोज अहसास
अभी मैं जा नहीं सकता
अभी कुछ गीत बाकी हैं
जो तुमको कह सुनाने हैं
अभी मैं जा नहीं सकता
ख्वाबों के कई जुगनू
जो सीने में हुए हैं गुम
ग़ज़ल की मांग में भरकर
तुम्हे सारे दिखाने है
अभी मैं जा नहीं सकता
अभी तन्हाइयो में ज़िन्दगी का शोर बाकी है
अभी होनी हैं मेरी दर्द से गहरी मुलाकाते
थकन से जो सफर मैं बीच राह छोड़ आया था
सलामत हैं मेरे सीने में वो विरहा भरी रातें
फिर उसी रंग से जीवन के सब रस्ते सजाने हैं
अभी मैं जा नहीं सकता
अभी कुछ गीत बाकी हैं
जो तुमको कह सुनाने हैं
अभी मैं जा नहीं सकता
तमन्ना रोज उठती है ज़रा देखु तेरी आँखे
छुपा लूँ अपनी आँखों में मेरे दिलबर तेरी आँखे
मुझे ये लग रहा है फ़िक्रों गम के बोझ से दबकर
न जाने कितनी रातों से नहीं सोई तेरी आँखे
तेरी आँखों से मुझको गम के सब बादल हटाने हैं
अभी मैं जा नहीं सकता
अभी कुछ गीत बाकी हैं
जो तुमको कह सुनाने हैं
अभी मैं जा नहीं सकता
तमन्नाओं के गुलशन में खिज़ा का दौर हावी है
न तेरी याद है दिल में न कोई बेकरारी है
तुम्हारे ज़िक्र में जिन साँसों को पलपल सुलगना था
ज़माने का उन्ही साँसों में पलपल शोर जारी है
मुझे इस शोर में चाहत के लम्हे ढूंढ लाने हैं
अभी मैं जा नहीं सकता
अभी कुछ गीत बाकी हैं
जो तुमको कह सुनाने हैं