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असंगत / नीलोत्पल
Kavita Kosh से
बहुत ज्यादा जानना जरूरी नहीं
ज्ञान इतना कि मौन रहना सीख जाएँ
प्रेम निष्फल कामना है
अत्यधिक बारिश शब्दों में रहती है
आदर्श गुस्सा रूठे प्रेमी की तरह होता है
न शब्द है, न उनकी जगह
किसी खाली वितान में
असंभव सी रोशनी उठती है
दूर कहीं ग्वाले ने नदी पार कर ली
नदी में संगीत बजता है
संगीत इतना तरल है कि कविताएँ
कसमसाने लगती है
एक कवि विफल होता है बहुत सारे मौन-से