भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

असीं लिक छिप रांदि कन्दासीं / विम्मी सदारंगाणी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जॾहिं हिटलरु सुम्हियो पियो हून्दो
गांधी पंहिंजो चरख़ो हलाइण में पूरो हून्दो
उन वक़्ति
असीं लिक छुप रांदि कन्दासीं।