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आओ आपां हांसा / प्रमोद कुमार शर्मा

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मनै हांसणौ चाइजै
भौत दिन हुया
म्है हांस्यौ नीं किणी बात पर
कैयौ जद घरवाळी
तो नीं चाहवंता थकां ई
ईण बात माथै आयगी हांसी।
हांसतै-हांसतै म्है सोच्यौ:
हां,
मनै हांसणौ तो चइजै
क्यूं‘कै सुणतौ रै‘यौ हूं
हांसणै सूं से‘त रैवै ठीक।
पण म्हूं हासणो भूल‘र
डूब ज्याऊं
लारलै सालां मांय।
अर सोधण लागूं खोज
आपरी लूली यात्रा रा।
अब बताओ
ई रै मायनै रोवण री कांई बात ही
जकौ मनै मेळै मांय
केळै रै बदळै मिल्यौ
एक करारौ थाप।
क्यूं‘कै मां री गोझ मांय पइसा नीं
ही दवाइयां री परचियां।
अनै साथ ठीक हो ज्यासी बापू
टी.बी री बिमारी स्यूं।
होवैलौ ऐक छोटो सो खेत
या दूकान ...... जिस्या कई सुपना
पड़या है बण‘र सराप !
म्हूं सोचूं:
मनै बां सापित सुपना माथै
हासणौ चाइजै आज
क्यूं कै मां तो ही बावळी
जकी देखती सुपना
चोरगे ऊंची हेल्यां सूं
अबै आप ही बतावौ
चोरी रो माल
कदै‘ई टिक्यौ है।
तो नीं टिक सक्या सुपना ई।
अचाणचकै एक दिन
पकड़ी गई मां
तो पकड़ीज्यगा, सुपना भी ।
अनै मां रै सामै‘ई
सगळा सुपना री
वां लोगां हत्या कर नाखी।
इण खातर
हांसणौं ई चाईजै म्हानै आज
बीं हत्या करम पर !

हत्या करम
जिकौ अजै तांई जारी है
अनै सगळी मानवता पर
ऐकलो‘ई भारी है।

पण एक बात है
जकी थे नीं जाणौ
म्हारी मां ऐकली कोनी ही
कीं दूजी लुगायां, टाबर अर बूढ़ा भी
साथै हा
जिका स्यात
मां, बेटा या बाप होवण रौ
बै पाळ राख्यौ हो।
अर खुद नै घाल राख्यौ हो
सुपना रै
इण गोरखधंधे मांय।