हम
आज़ादी चाहते हैं
पीले हीरे की तरह
धूल तो धूल से सही
पत्थर तो पत्थर से सही
हमारे नंगे हाथों का लहू
टपकता है चट्टानों के ऊपर
हम हर सांस में भरते हैं कोयला
हर सांस के साथ
बाहर आती है केवल आशा ।
अँग्रेजी से अनुवाद : राजेश चन्द्र
लीजिए, अब इसी कविता को मूल अँग्रेज़ी भाषा में पढ़िए
Ketty Nivyabandi
we seek freedom
we seek freedom
like yellow diamonds
through dust
through stone
our naked hands
bleed on rocks
we breathe in coal
but exhale hope