Last modified on 27 जनवरी 2009, at 20:55

आजु सकल सुकृत फलु पाइहौं / तुलसीदास

राग सारङ्ग

आजु सकल सुकृत फलु पाइहौं |
सुखकी सींव, अवधि आनँदकी अवध बिलोकि हौं पाइहौं ||
सुतनि सहित दसरथहि देखिहौं, प्रेम पुलकि उर लाइहौं |
रामचन्द्र-मुखचन्द्र-सुधा-छबि नयन-चकोरनि प्याइहौं ||
सादर समाचार नृप बुझिहैं, हौं सब कथा सुनाइहौं |
तुलसी ह्वै कृतकृत्य आश्रमहिं राम लषन लै आइहौं ||