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आदमी / राकेश रवि
Kavita Kosh से
आदमी खुद आपने लेली,
आपनोॅ कंधा पेॅ।
एक बोझ बनी केॅ जीयै छै।
आय आदमी केॅ आदमी रं पैवोॅ,
सचमुचे में एकटा खोज छेकै।
आय आदमी आपने लेली,
खुद एकटा बोझ छेकै।
हेना में झंडा रोॅ नीचु,
खाड़ोॅ होय केॅ।
‘हमरा सब एक छीयै’ के नारा,
केन्होॅ है रीत छेकै?
आकि फिल्मी गीत छेकै?
जेकरोॅ रट्टी लेलेॅ छियै,
हमरा सब।
मौका पेॅ गुनगुनाय लेली
छोडोॅ; जाय लेॅ दहौ,
है सब आपनोॅ-आपनोॅ सोच छेकै।
आदमी खुद आपने लेली
आपनोॅ कंधा पर एक बोझ छेकै।