बहुत पहले किसी युग में लगवाया था
मेरे दादा ने अपनी पसंद का एक खूबसूरत दरवाज़ा
फिर किसी युग में उसे उखाड़ फेंका मेरे पिता ने
और लगवाया अपनी पसंद का बिलकुल नायाब दरवाज़ा
घर के मुख्य द्वार पर लगा अब यह
मुझे भी पसंद नहीं...
बहुत पहले किसी युग में लगवाया था
मेरे दादा ने अपनी पसंद का एक खूबसूरत दरवाज़ा
फिर किसी युग में उसे उखाड़ फेंका मेरे पिता ने
और लगवाया अपनी पसंद का बिलकुल नायाब दरवाज़ा
घर के मुख्य द्वार पर लगा अब यह
मुझे भी पसंद नहीं...