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आधुनिक घर / आत्मा रंजन
Kavita Kosh से
आधुनिक घरों के पास नहीं हैं छज्जे
कि लावारिस कोई फुटपाथी बच्चा
बचा सके अपना भीगता सर
नहीं बची हैं इतनी भर जगह
कि कोई गौरैया जोड़ सके तिनके
सहेज परों की आंच
बसा सके अपना घर-संसार!