आप की याद आती रही रात भर ।
आँख नम झिलमिलाती रही रात भर।।
रात भर वक्त ने खूब किस्से कहे
प्रीत भी गीत गाती रही रात भर।।
साथ में चाँद तो मेरे चलता रहा
चाँदनी जगमगाती रही रात भर।।
था अँधेरा घना रात का काँटों भरी
पर कदम वो बढ़ाती रही रात भर।।
चाँद ने कुछ कहा रात ने कुछ सुना
पर हवा गुनगुनाती रही रात भर।।
रात भर थी चिता आशिकों की जली
शम्मा आँसू बहाती रही रात भर।।
तेल चुकता गया दीप जलता रहा
लब मगर थरथराते रहे रात भर।।