आप गाने की बात करते हैं
किस ज़माने की बात करते हैं
लोग करते जो बया को बेघर
घर बनाने की बात करते हैं
लौटकर जा रहे गुफ़ाओं में
दूर जाने की बात करते हैं
जो नहीं आज के ज़माने के
आजमाने की बात करते हैं
बोझ सिर पर हैं इबादतग़ाहें
सिर उठाने की बात करते हैं