भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इंगलिश का अखबार / धीरेंद्र कुमार यादव
Kavita Kosh से
बंदर जी अखबार पुराना,
उठा कहीं से लाए।
कहा गधे से ‘आओ तुमको
खबरें नई सुनाएँ।’
बोले, ‘बस गिर गई खड्ड में,
मरे मुसाफिर सारे।
सुनो सुनाता हूँ, आगे-
दुनिया की खबरें प्यारे।’
बात काटकर गदहा बोला,
बंदर से इस बार-
‘हिंदी में पढ़ते हो बाबू,
इंगलिश का अखबार।’