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इसमें भी मेहनत कम नहीं / सुरेन्द्र डी सोनी
Kavita Kosh से
मेरे ठाठ
मेरे आदमी होने से नहीं
बन्दर होने से हैं –
मैं आज जो भी हूँ
बिल्लियों को
आपस में लड़ाने से हूँ...!