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ईश्वर तुम्हारी मदद चाहता है / विश्वनाथप्रसाद तिवारी

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बदल सकता है धरती का रंग
बदल सकता है चट्टानों का रूप
बदल सकती है नदियों की दिशा
बदल सकती है मौसम की गति

ईश्वर तुम्हारी मदद चाहता है
अकेले नहीं उठा सकता वह
इतना सारा बोझ।