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उनका आना / सुदर्शन वशिष्ठ
Kavita Kosh से
उनके आने से पहले
पहुँच जाती है ख़बर
वे आ रहे हैं
हटो-हटो।
आते हैं वे
बाढ़ की तरह
तटबँध तोड़ते।
उनके आने से पहले
बँधती आशाएँ
आते सपने
जाने पर उन्नींदी आँखों में
आती किरकिरी।
उनका आना अच्छा
न जाना
रहता है फिर भी इंतज़ार।