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उलहनोॅ / नवीन निकुंज
Kavita Kosh से
आय तोरा मिललौं फुर्सत ?
हेत्तेॅ दिन सेॅ खोज खबर नै
नै एको टा पाती
पुरलोॅ हमरोॅ गत ।
आय तोरा मिललौ फुर्सत ?
बच्चे रं हमरा बहलैलौ
मोॅन मिलाय लेॅ मन सहलैलौ
कहलौ, कल्हे ऐबौं सत
आय तोरा मिललौं फुर्सत ?
सौनें सौसें माह जरैलकै
भादो भी होने तरसैलकै
नै राखलौ तहूँ भी पत
आय तोरा मिललौं फुर्सत ?
धरती सेॅ सूरजोॅ भी दूर
तहियो रोजे मिलन जरूर
प्रेम हुवेॅ तेॅ ई रं सत
आय तोरा मिललौं फुर्सत ?
जों पहाड़ पर घिरलोॅ मेघ
तोरोॅ भी होने छौं स्नेह
ई सोची ही रहलोॅ मत्त
आय तोरा मिललौं फुर्सत ?